1.Introduction to the scheme(योजना का परिचय)-
मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की अवधि के दौरान समुद्री मछुआरों को आजीविका सहायता
2.Objective(उद्देश्य)-
मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास विभाग, ओडिशा सरकार के तहत मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की अवधि के दौरान समुद्री मछुआरों को आजीविका सहायता योजना का उद्देश्य समुद्री मछुआरे परिवारों की आजीविका का समर्थन करना है। यह योजना राज्य क्षेत्र की अम्ब्रेला योजना मुख्यमंत्री मछलीजीबी कल्याण योजना (एमएमकेवाई) के अंतर्गत है । यह योजना राज्य के कछुओं के घोंसले और प्रजनन क्षेत्रों में और उसके आसपास के समुद्री मछुआरे परिवारों की आजीविका का समर्थन करती है, जिसमें भीतरकनिका क्षेत्रों में साल भर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध भी शामिल है क्योंकि कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। चूंकि मछुआरों की आजीविका पूरी तरह से समुद्र में मछली पकड़ने पर आधारित है और मछली पकड़ने पर प्रतिबंध सीधे तौर पर एक वर्ष में सात महीने (1 नवंबर से 31 मई) (दोनों दिन सम्मिलित) की लंबी अवधि के लिए पेशे पर प्रतिबंध लगाता है, साथ ही 15 अप्रैल से 14 जून (61 दिन) तक एक समान प्रतिबंध भी है।
कार्य क्षेत्र:
यह योजना ओडिशा के तटीय क्षेत्र के समुद्री जिलों केन्द्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी और गंजम में क्रियान्वित की जाएगी, जहां समुद्री कछुओं के संरक्षण के लिए गहिरमाथा समुद्री अभ्यारण्य, भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और देवी नदी तथा रुशिकुल्या नदी के मुहाने के समीपवर्ती क्षेत्रों में वर्ष भर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के कारण समुद्री मछुआरे प्रभावित होते हैं।
3.main benefits(मुख्य लाभ)-
1.इस योजना के अंतर्गत प्रभावित परिवारों के केवल एक सदस्य को प्रतिवर्ष ₹15,000/- की सहायता दी जाएगी।
2.यह राशि लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष के नवंबर और मार्च के बीच एक किस्त में भुगतान की जाएगी।
3.सहायता राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से लाभार्थियों को जारी की जाएगी।
4.लक्ष्यित दर्शक:- लाभार्थी
समुद्री मछुआरे
5.Eligibility Criteria(पात्रता मानदंड)-
लाभार्थी के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
A.लाभार्थी एक सक्रिय समुद्री मछुआरा होना चाहिए।
B.यह सहायता परिवार की ओर से परिवार के केवल एक सदस्य को प्रदान की जाएगी।
C.लाभार्थी की आयु 18-70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
Dलाभार्थी ओडिशा का स्थायी निवासी होना चाहिए और उसके पास आधार कार्ड सहित पहचान और आवासीय
प्रमाण होना चाहिए।
E.लाभार्थी के पास ओडिशा राज्य में उसके नाम से बैंक खाता होना चाहिए।
F.लाभार्थी नाव का मालिक (मोटर चालित नाव)/मोटर चालित नाव का चालक दल का सदस्य/मछली व्यापारी/मछली की छंटाई और श्रेणीकरण तथा अन्य सहायक गतिविधियों में संलग्न होना चाहिए।
G.मछुआरों को अधिमानतः बीपीएल श्रेणी से संबंधित होना चाहिए अर्थात राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत आना चाहिए तथा सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी)-2011 के अंतर्गत स्वचालित रूप से बहिष्कृत परिवार से संबंधित नहीं होना चाहिए।
H.यदि मछुआरा नाव का मालिक है, तो उसके पास वैध पंजीकरण (रियल क्राफ्ट) और वैध मछली पकड़ने का लाइसेंस होना चाहिए।
I.यदि मछुआरा चालक दल का सदस्य है, तो उसे वैध मछली पकड़ने के लाइसेंस के साथ पंजीकृत मछली पकड़ने वाली नाव में काम करना होगा और इस संबंध में नाव के मालिक से प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
K.यदि मछुआरा मछली व्यापारी है/मछली की छंटाई, श्रेणीकरण और अन्य सहायक गतिविधियों में लगा हुआ है तो उसे इस संबंध में पंजीकृत नाव मालिक से प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
टिप्पणी:
लाभार्थियों के चयन में प्राथमिकता निम्नलिखित क्रम में दी जाएगी:
1.नाव मालिक.
2.एक मछली पकड़ने वाली नाव का चालक दल सदस्य।
3.छंटाई, श्रेणीकरण और अन्य सहायक गतिविधियों में लगे श्रमिक।
6.requirements(आवश्यकताएँ)-
आवश्यक दस्तावेज
1.आधार कार्ड की फोटोकॉपी
2.मतदाता पहचान पत्र की फोटोकॉपी.
3.राशन कार्ड की फोटोकॉपी.
4.नाव के पंजीकरण प्रमाणपत्र की फोटोकॉपी।
5.मछली पकड़ने के लाइसेंस प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी।
6.चालक दल के सदस्य के रूप में कार्य करते समय/अन्य गतिविधियों के दौरान नाव मालिक का प्रमाण पत्र।
7.बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की फोटोकॉपी।
7.आवेदन प्रक्रिया
1.इस योजना का विज्ञापन विभागीय वेबसाइट, समाचार पत्रों तथा राज्य भर के जिला एवं ब्लॉक मत्स्य कार्यालयों में दीवार पोस्टरों के माध्यम से किया जाएगा।
2.इच्छुक पात्र लाभार्थी/मछुआरे निम्नलिखित में से किसी भी एक आवेदन कर सकते हैं:निर्धारित प्रारूपविभाग द्वारा तैयार की गई सूची संबंधित सहायक मत्स्य अधिकारियों (एएफओ) (एमई यूनिट) के माध्यम से जिले के अतिरिक्त मत्स्य अधिकारी (समुद्री) को भेजी जाएगी।(दिशानिर्देशों के पृष्ठ संख्या 4 का संदर्भ लें)
3.आवेदक को आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज की स्व-सत्यापित फोटोकॉपी संलग्न करनी होगी तथा निर्धारित प्राप्ति एवं सत्यापन अधिकारी अर्थात एएफओ समुद्री विस्तार इकाई को आवेदन प्रस्तुत करते समय मूल दस्तावेज दिखाना होगा।
आवेदन-पश्चात की प्रक्रियाएँ
1.आवेदन पत्र प्राप्त होने के बाद प्राप्ति एवं सत्यापन अधिकारी अर्थात सहायक मत्स्य अधिकारी, समुद्री विस्तार इकाई आवेदन की जांच करेंगे और उसे अतिरिक्त मत्स्य अधिकारी (समुद्री) को भेजेंगे।
2.लाभार्थी सूची को अंतिम रूप देने के लिए उप-कलेक्टर (संबंधित उप-मंडल) की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें अतिरिक्त मत्स्य अधिकारी (समुद्री) सदस्य संयोजक होंगे। समिति के अन्य सदस्यों में संबंधित तहसील के तहसीलदार, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रतिनिधि, पीआरआई प्रतिनिधि और संबंधित समुद्री पीएफसीएस के पदाधिकारी शामिल होंगे।
3.संबंधित जिले की समिति अपने स्तर पर आवश्यक क्रॉस-चेक के बाद आवेदनों को मंजूरी देगी और सहायता जारी करने की सिफारिश करेगी। लाभार्थियों की अंतिम सूची अतिरिक्त मत्स्य अधिकारी (समुद्री) द्वारा तैयार की जाएगी और इसे वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए निदेशालय को भेजा जाएगा।
4.संबंधित अतिरिक्त मत्स्य अधिकारी (समुद्री) लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि जारी करेंगे।
8.अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
(प्रश्न.1)इस योजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर :-इस योजना का उद्देश्य राज्य के कछुओं के प्रजनन और प्रजनन क्षेत्रों में और उसके आसपास के समुद्री मछुआरे परिवारों की आजीविका को समर्थन प्रदान करना है।
(प्रश्न.2)यह योजना किस विभाग द्वारा शुरू की गई?
उत्तर :-मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास विभाग, ओडिशा
(प्रश्न.4)किस महीने में मछली पकड़ना प्रतिबंधित है?
उत्तर :-प्रत्येक वर्ष 1 नवम्बर से 31 मई तक (दोनों दिन सम्मिलित) मछली पकड़ने पर प्रतिबन्ध रहता है, साथ ही 15 अप्रैल से 14 जून तक (61 दिन) समान प्रतिबन्ध रहता है।
(प्रश्न.5)यह योजना किन जिलों में लागू की जाएगी?
उत्तर :-यह योजना ओडिशा के तटीय क्षेत्र के समुद्री जिलों केन्द्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी और गंजम में क्रियान्वित की जाएगी, जहां समुद्री कछुओं के संरक्षण के लिए गहिरमाथा समुद्री अभ्यारण्य, भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और देवी नदी तथा रुशिकुल्या नदी के मुहाने के समीपवर्ती क्षेत्रों में वर्ष भर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के कारण समुद्री मछुआरे प्रभावित होते हैं।
(प्रश्न.6)लाभार्थी को कितनी वित्तीय सहायता दी जाएगी?
उत्तर :-इस योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को प्रति वर्ष ₹15,000/- की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
(प्रश्न.7)लाभार्थी को वित्तीय सहायता की राशि कब दी जाएगी?
उत्तर :-यह राशि लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष के नवम्बर से मार्च के बीच एक किस्त में भुगतान की जाएगी।
(प्रश्न.8)क्या यह योजना केवल ओडिशा के निवासियों के लिए है?
उत्तर :-हां, लाभार्थी ओडिशा का स्थायी निवासी होना चाहिए और उसके पास आधार कार्ड सहित पहचान और आवासीय प्रमाण होना चाहिए
(प्रश्न 9)योजना के अंतर्गत आवेदन करने हेतु आयु मानदंड क्या है?
उत्तर :-लाभार्थी की आयु 18-70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
(प्रश्न 10)एक परिवार के कितने सदस्य वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगे?
उत्तर :-यह सहायता परिवार की ओर से परिवार के केवल एक सदस्य को प्रदान की जाएगी।
(प्रश्न 11)क्या लाभार्थियों के चयन के लिए कोई वरीयता क्रम है?
उत्तर :-हां, लाभार्थियों के चयन की प्राथमिकता (1) नाव मालिक (2) मछली पकड़ने वाली नाव के चालक दल के सदस्य (3) छंटाई, ग्रेडिंग और अन्य सहायक गतिविधियों में लगे श्रमिकों के क्रम में की जाएगी।
(प्रश्न 12)यह योजना किसके द्वारा क्रियान्वित की जाएगी?
उत्तर :-इस योजना का कार्यान्वयन ओडिशा के मत्स्य निदेशक द्वारा संबंधित जिले के अतिरिक्त मत्स्य अधिकारी (समुद्री) के माध्यम से किया जाएगा।
(प्रश्न.13)मैं इस योजना के लिए आवेदन कैसे कर सकता हूँ?
उत्तर :-पात्र मछुआरे विभाग द्वारा तैयार किए गए निर्धारित प्रारूप में संबंधित सहायक मत्स्य अधिकारी (एमई यूनिट) के माध्यम से जिले के अतिरिक्त मत्स्य अधिकारी (समुद्री) को आवेदन करेंगे।