1. योजना का परिचय ( introduction of the scheme ): कौशल ऋण योजना
2. उद्देश्य ( objective ):
राष्ट्रीय व्यवसाय मानकों एवं पात्रता पैक के अनुरूप संरेखित कौशल विकास पाठ्यक्रमों के लिए तथा राष्ट्रीय कौशल पात्रता रूपरेखा (एन.एस.क्यू.एफ) के अनुसार प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा प्रमाण पत्र/डिप्लोमा/डिग्री के लिए विद्यार्थियों को संस्थागत ऋण प्रदान करने के लिए जुलाई 2015 में कौशल ऋण योजना प्रारंभ की गई थी।
यह योजना भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए) के समस्त सदस्य बैंकों, एवं आर.बी.आई द्वारा यथानिर्दिष्ट किए जा सकने वाले किन्हीं अन्य बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के लिए लागू है। बैंकों को कौशल ऋण योजना परिचालित करने के लिए इस योजना में व्यापक दिशानिर्देश प्रदान किए गए हैं।
योजना प्रचालित करने के लिए बैंकों हेतु दिशा-निर्देशों की मुख्य विशेषताएं:
योग्यता – कोई व्यक्ति जिसने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आई.टी.आई), पॉलिटेक्निक या केंद्रीय या राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल, या किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज, या राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एन.एस.डी.सी) / क्षेत्र कौशल परिषदों, राज्य कौशल मिशन, राज्य कौशल निगम से संबद्ध प्रशिक्षण भागीदारों द्वारा संचालित पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त किया हो।
पाठ्यक्रम | एन.एस.क्यू.एफ से संरेखित |
वित्त धनराशि | 5000-1,50,000 |
कोर्स की अवधि | कोई न्यूनतम अवधि नहीं |
ब्याज दर | आधार दर (एम.सी.एल.आर) + प्रायः 1.5% तक |
ऋणस्थगन | पाठ्यक्रम की अवधि |
पुनर्भुगतान की अवधि | ऋण की राशि के आधार पर 3 से 7 वर्ष। |
₹ 50,000 तक के ऋण | 3 वर्ष तक |
₹ 50,000 से ₹ 1 लाख के बीच के ऋण | 5 वर्ष तक |
₹ 1 लाख से अधिक के ऋण | 7 वर्ष तक |
कवरेज | पाठ्यक्रम को पूरा करने के व्यय (मूल्यांकन, परीक्षा, अध्ययन सामग्री, आदि) के साथ पाठ्यक्रम की फीस (सीधे प्रशिक्षण संस्थान को)। |
इस योजना में, लाभार्थी से संपार्श्विक प्रभारित किया जाना अनुमन्य नहीं है।
नवंबर 2015 में एक अधिसूचना के माध्यम से एम.एस.डी.ई ने 15 जुलाई 2015 को या उसके पश्चात स्वीकृत किए जाने वाले समस्त कौशल ऋणों के लिए कौशल विकास हेतु क्रेडिट गारंटी फंड (सी.जी.एफ.एस.एस.डी) को प्रवर्तित किया, जिसे राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट कंपनी (एन.सी.जी.टी.सी) द्वारा प्रशासित किया जाएगा।
भुगतानचूक के विरूद्ध क्रेडिट गारंटी के लिए बैंक, एन.सी.जी.टी.सी के समक्ष आवेदन कर सकते हैं एवं एन.सी.जी.टी.सी अल्प शुल्क पर यह गारंटी प्रदान करेगा जो बकाया धनराशि का अधिकतम 0.5% होगा। गारंटी कवर अधिकतम 75% बकाया ऋण राशि (ब्याज सहित, यदि कोई हो) के लिए होगा।
इंडियन बैंक एसोसिएशन (आई.बी.ए) द्वारा 21 बैंकों के संबंध में प्रदत्त सूचना के अनुसार, वर्ष 2018-19 (सितंबर 2018 तक) के दौरान कुल ₹29.06 करोड़ के कौशल ऋण वितरित किए गए।
3. मुख्य लाभ ( main benefits ) :
पाठ्यक्रम
एन.एस.क्यू.एफ के साथ संरेखित
वित्त की धनराशि
₹5000-1,50,000
कोर्स की अवधि
कोई न्यूनतम अवधि नहीं
ब्याज दर
आधार दर (एम.सी.एल.आर) + प्रायः 1.5% तक
अधिस्थगन
पाठ्यक्रम की अवधि
पुनर्भुगतान की अवधि
ऋण धनराशि के अनुसार 3 से 7 वर्ष के बीच
ऋृण
₹ 50,000 तक के ऋण – 3 वर्ष तक
₹ 50,000 से ₹ 1 लाख के बीच के ऋण – 5 वर्ष तक
₹ 1 लाख से अधिक के ऋण – 7 वर्ष तक
कवरेज
पाठ्यक्रम को पूरा करने के व्यय (मूल्यांकन, परीक्षा, अध्ययन सामग्री, आदि) के साथ पाठ्यक्रम शुल्क (सीधे प्रशिक्षण संस्थान को)।
इस योजना में, लाभार्थी से संपार्श्विक प्रभारित किया जाना अनुमन्य नहीं है।
नवंबर 2015 में एक अधिसूचना के माध्यम से एम.एस.डी.ई ने 15 जुलाई 2015 को या उसके पश्चात स्वीकृत किए जाने वाले समस्त कौशल ऋणों के लिए कौशल विकास हेतु क्रेडिट गारंटी फंड (सी.जी.एफ.एस.एस.डी) को प्रवर्तित किया, जिसे राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट कंपनी (एन.सी.जी.टी.सी) द्वारा प्रशासित किया जाएगा।
भुगतानचूक के विरूद्ध क्रेडिट गारंटी के लिए बैंक, एन.सी.जी.टी.सी के समक्ष आवेदन कर सकते हैं एवं एन.सी.जी.टी.सी अल्प शुल्क पर यह गारंटी प्रदान करेगा जो बकाया धनराशि का अधिकतम 0.5% होगा। गारंटी कवर अधिकतम 75% बकाया ऋण राशि (ब्याज सहित, यदि कोई हो) के लिए होगा।
4.लक्ष्यित दर्शक ( target audience ) :
लाभार्थी*औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आई.टी.आई), पॉलिटेक्निक या केंद्रीय या राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त किसी स्कूल, या किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एन.एस.डी.सी)/सेक्टर कौशल परिषदों, राज्य कौशल मिशन, राज्य कौशल निगम से संबद्ध प्रशिक्षण भागीदारों द्वारा संचालित किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करने वाला विद्यार्थी।)
5.पात्रता मानदंड ( eligibility criteria ) :
उपरोक्त योग्यता रखने वाला कोई भी आवेदन कर सकता है
6.आवश्यकताएँ ( requirements ) :
आवश्यक दस्तावेज:
आवश्यक दस्तावेज- पहचान का प्रमाण, निवास का प्रमाण, आय का प्रमाण (अपना या अभिभावक का, यदि उपलब्ध हो), लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं।
7.आय सीमाएँ ( income limits ) :
कोई निर्धारित नही
8. आवेदन प्रक्रिया ( application process ) :
इच्छुक अभ्यर्थियों को विद्या कौशल पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
आवश्यक दस्तावेज : पहचान का प्रमाण, पते का प्रमाण, आय का प्रमाण (स्वयं का या संरक्षक का, यदि उपलब्ध हो) सहित, तथा अन्य।
पंजीकरण सफल होने के पश्चात, अभ्यर्थी अपने पसंदीदा सेक्टर/रोल/केंद्र का चयन कर सकते हैं
काउंसलिंग के लिए अपनी पसंद के केंद्र पर जाएं
यदि आवश्यक हो तो केंद्र के माध्यम से ऋण का अनुरोध प्रस्तुत करें।
वरीयता के अनुसार ऋण प्रस्तावों का मूल्यांकन एवं स्वीकृति/अस्वीकृति।
पुष्टि के पश्चात साझेदार/केंद्र को ऋण का सीधे संवितरण
9.महत्वपूर्ण समय सीमाएँ ( important time limits ):
पात्र होने पर कभी भी आवेदन कर सकते हैं
10.वेबसाइट लिंक ( website link ):
11.अपडेट और परिवर्तन ( update and changes ):
नवंबर 2015 में एक अधिसूचना के माध्यम से एम.एस.डी.ई ने 15 जुलाई 2015 को या उसके पश्चात स्वीकृत किए जाने वाले समस्त कौशल ऋणों के लिए कौशल विकास हेतु क्रेडिट गारंटी फंड (सी.जी.एफ.एस.एस.डी) को प्रवर्तित किया, जिसे राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट कंपनी (एन.सी.जी.टी.सी) द्वारा प्रशासित किया जाएगा।
12.हाल की घोषणाएँ ( recent announcements ) :
निरंक
13.भविष्य की योजनाएँ (schemes of the Future ) :
योजना का विस्तार किया जाएगा
14.आधिकारिक स्रोतों के लिंक ( official website link ) :
15.अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ( F&Qs ):
इस योजना में अधिकतम कितना ऋण प्राप्त किया जा सकता है?
पात्रता को पूरा करने वाले छात्र रुपये तक की ऋण राशि 1,50,000 का लाभ उठा सकते हैं।
16.सामान्य प्रश्न ( general questions ):
ब्याज दर के तहत एम.सी.एल.आर. क्या है?
उधार दर की सीमांत लागत (एम.सी.एल.आर.) न्यूनतम उधार दर है जिसके नीचे किसी बैंक को उधार देने की अनुमति नहीं है। यह बैंक से बैंक में भिन्न होता है।
मोराटोरियम पीरियड क्या है?
एक अधिस्थगन अवधि एक ऋण अवधि की एक विशेष अवधि को संदर्भित करती है, जिसके दौरान उधारकर्ता के पास कुछ भी चुकाना नहीं होता है। इसे प्रतीक्षा अवधि के रूप में वर्णित किया जा सकता है, इससे पहले कि उधारकर्ता को अपने ऋण के लिए समान मासिक किश्तों (ई.एम.आई.) का भुगतान करना शुरू करना होगा।